ब्यूटी और मसाज पार्लर की आड़ में भटकती पीढी (1)

मसाज पार्लर की राह हमारे युवा वर्ग को कहां तक ले जाएगी इसके बारे में अनुमान लगाना कठिन है. कहीं ये रास्ता उस नर्क का दर्शन कराती है जिसकी कल्पना मात्र से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं और कहीं इस रास्ते पर चलकर कई लोग अपना सबकुछ खो चुके होते हैं. सांस्कृतिक पतन की ओर बढ़ते देश को ऐसी कुवृत्तियां बहुत तेजी से चोट पहुंचा रही हैं.
केवल पैसे और क्षणिक सुख के लिए पूरी पीढ़ी की बर्बादी कहां तक उचित है. कोई बेरोजगारी की वजह से अपना राज्य छोड़कर दिल्ली आता है. एक दिन एक दैनिक अखबार में विज्ञापन देख कर मसाज पार्लर में काम के लिए संपर्क करता है. उसे काम भी मिल गया लकेिन पहले ही दिन जब वह काम पर गया, एक अधेड़ महिला का पहनावा और व्यवहार देखकर उसके पांव तले जमीन खिसक गई. मसाज के नाम पर वहां उपस्थित महिला ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की. मना करने पर उसने कहा कि पार्लर से इसी काम के तीन हजार रुपए में बात हुई है. ऐसा न किया तो शिकायत करूंगी. बेचारा काम की तलाश में यहां आया था और काम छोड़कर वापस बेरोजगार हो गया. लोग आज पैसे कमाने के लिए किसी भी हद तक गुजर सकते हैं और ऐसे में वेश्यावृत्ति के दलाल भी अपने धंधे के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. जिस मसाज को आप अपने शरीर के लिए फायदेमंद समझते हैं और जिस पार्लर में आप अगली बार मसाज के लिए जाने की सोच रहे हों, उसके बारे में पहले एक बार जरा तहकीकात कर लीजिए. कहीं ऐसा न हो कि आपको मसाज के बहाने कुछ और मिल जाए. मसाज पार्लर की आड़ में देह व्यापार आम होता जा रहा l आज सेक्स का बाजार इतना फैल चुका है कि वह एक रेड लाइट एरिया में सिमटने की जगह पूरे समाज में अपनी पकड़ बना रहा है. यह धंधा अब बड़ी कोठियों, फार्म हाउस और बड़े होटलों तक पहुंच गया है. अब मसाज सेंटर या ब्यूटी पार्लर का इस्तेमाल भी इस धंधे में होने लगा है ताकि इसमें शामिल लोगों की सामाजिक प्रतिष्ठा बरकरार रहे. रेड लाइट एरिया तक जाने में बदनामी का डर रहता है. आज के हाई प्रोफाइल सेक्स बाजार में कोई बदनामी नहीं, क्योंकि ग्राहक को मनचाही जगह पर मनचाहा माल उपलब्ध हो जाता है और किसी को कानों कान खबर तक नहीं होती. सेक्स तक तो ठीक था लेकिन अब मसाज पार्लर की आड़ में कई गोरखधंधे हो रहे है. अखबारों में ‘हाई प्रोफाइल लेडीज का मसाज करें’ जैसे विज्ञापन पढ़ कर कई बेरोजगर युवक इसके जाल में फंस जाते हैं. यह विज्ञापन कई बार झूठे भी होते हैं जिनमें लोगों को एक अकाउंट में पैसे डालने को कहा जाता है और जैसे ही लोग अकाउंट में पैसे डालते हैं नबंर देने वाला अपना फोन ही बंद कर देता है. इस तरह उस युवक के पैसे तो जाते ही हैं, वह शर्म से पुलिस में शिकायत भी नहीं करता. हालांकि कुछ मसाज के विज्ञापन सच्चे भी होते हैं मतलब जो लड़कियों के दलाल होते हैं. पहले यह ग्राहक को एडवांस जमा कराने के लिए कहते हैं फिर उन्हें ग्राहक की मनपसंद जगह पर लडकियां भिजवा देते हैं. यह देह-व्यापार का नया रुप है, जहां आपको मसाज की जगह सेक्स मिलता है. इस धंधे के इस रुप में न तो पुलिस का डर रहता है और न ही अन्य खतरे. आज का बेरोजगार युवा पैसा कमाने के नए और आसान रास्ते ढ़ूंढ़ता है और ऐसे में जब इस तरह की नौकरी मिलती है जहां मजे के साथ पैसा भी मिले तो वह इस काम को अपना प्रोफेशन बनाने में गुरेज नहीं करता. यह एक प्रकार की पुरुष वेश्यावृत्ति भी होती है यानी मसाज पार्लर की आड़ में जिगोलो सेवा. इन फुल बॉडी मसाज पार्लरों का कोई स्थाई पता नहीं होता. विज्ञापन में भी मात्र नंबर ही दिए होते हैं. इनसे संपर्क करने का जरिया मात्र मोबाइल नंबर ही होता है. अगर आपको काम मिल भी जाता है तब भी आपसे इनके मालिक सामने नही मिलेंगे. ऐसे रैकेटों के पास एक-दो नहीं, दर्जनों नंबर होते हैं, लेकिन बैंक का खाता एक ही है. ये एक नंबर को एक दिन ही काम में लाते हैं, जितने लोग फंसते हैं, उनसे ठगी कर ली जाती है और भविष्य के लिए नंबर बंद कर दिया जाता है. ठगी के शिकार जब भी उन्हें काल करेंगे तो नंबर स्विच आफ आएगा. बैंक एकाउंट भी बाहर का होता है. ऐसे में पुलिस भी उन्हें पकड़ नहीं पाती. ऐसे मसाज पार्लर में काम करने वाले लोग वासना की पूर्ति के एक साधन मात्र होते हैं. पुरुष और स्त्री दोनों ही वेश्या होते हैं. ऐसे काम में पैसे तो मिलते हैं लेकिन इज्जत और आत्मसम्मान कभी नहीं मिलता. इसके साथ ही ऐसे पार्लर में जिस तरह के ग्राहक देते हैं उनके साथ शारीरिक संबंध बनाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. एड्स और अन्य बीमारियों का खतरा हमेशा बना रहता है और पकड़े जाने पर जेल अलग से. क्रमश:.....

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