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और मैने वहां जाना छोड दिया •••••

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  और मैने वहां जाना छोड दिया •••••• अनिल अनूप बात तब की है, जब मेरी नई-नई शादी हुई थी। जैसा आमतौर पर स्वस्थ रिश्तों में होता है (कम से कम मैं मानता हूं) कि मैंने अपनी नई-नवेली पत्नी से बीते दिनों की तमाम भली-बुरी यादें और आदतें साझा करनी शुरु कर दीं। मेरा अतीत कुछ ऐसा था कि पत्नी के चेहरे पर मुस्कान कम और ताने-उलाहने अधिक दिखते थे। कोठों का ज़िक्र आया तो पत्नी चौंक गई। एक अजनबी, जिसे अब पति का दर्जा मिल चुका था, जिसके साथ जीवन गुजारना था, मजबूरी भी हो सकती है, फिर भी उसे स्वीकार करना था। उसकी आदतों को भी स्वीकार करना था। उसकी बुरी आदतें सुधारने का हर संभव प्रयत्न करना था। ऐसे तमाम निश्चयों-फैसलों के साथ ही नई-नवेली गृहस्थी की गाड़ी रफ्तार पकड़ती है। लिहाजा, कोठों का जिक्र आने पर पत्नी की आंखें फटीं, पूरी कहानी सुनी, और फिर अपनी ज़ुबान खोली। पत्नी की ज़ुबान खुली नहीं कि मेरे माथे पर बल पड़ गया। मैंने तो पूरी सच्चाई से अपना भला-बुरा अतीत बखान किया था। नतीजा ये निकलेगा, मैंने कभी सोचा भी न था। पत्नी की ख्वाहिश सुनकर मेरी तो बोलती बंद हो गई, सन्नाटा छा गया। सोच-विचार के बाद एक दिन पत्न...

सेक्स वर्क की परिभाषा के बारे में हमारी सोच

-अनिल अनूप कहा जाता है कि स्त्री कभी आजाद नहीं हो सकती, प्रकृति ने उसकी रचना ही कुछ इस तरह की है कि वह आजादी का अनुभव करने में हिचकिचाती है। वह चाहे कितनी ही मॉडर्न विचारधारा वाली क्यों ना हो जाए लेकिन पूर्ण स्वतंत्रता का अनुभव उसके स्वभाव लेकिन एक वेश्या पर यह बात लागू नहीं होती। वह ना सिर्फ स्वतंत्र है बल्कि हर तरह के सामाजिक और धार्मिक बंधनों से भी मुक्त है। वेश्यावृत्ति को दुनिया का सबसे प्राचीन पेशा भी कहा जाता है। यूं तो आज भी वैश्विक स्तर पर वेश्यावृत्ति एक व्यवसाय के रूप में प्रचलित है लेकिन भारत में इसका इतिहास ना सिर्फ बहुत पुराना बल्कि काफी हद तक रोचक और उल्लेखनीय भी है। अगर हम भारत के इतिहास पर नजर डालें तो ब्रिटिश शासन काल से भी बहुत पहले वेश्यावृत्ति ने अपनी जड़ें जमानी शुरू कर दी थी। परंतु अंग्रेजी हुकूमत के तले जिस तरह यह पेशा फला-फूला और जिस तरह इस पेशे का स्वरूप पूरी तरह बदल गया, वह बात उल्लेखनीय है। आज के दौर में क्लब और प्राइवेट महफिलों में डांस करने वाली लड़कियों को बार गर्ल्स कहा जाता है लेकिन 15वीं शताब्दी में ही इन बार गर्ल्स की जड़ें जमने लगी थीं जिन्हें राजमह...