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स्त्री की भावना को समझना आवश्यक है

  अनिल अनूप भारतीय स्त्री की अवधारणा में सिर्फ ‘बेचारी’ और ‘विचारहीन’ नारी का महिमामंडन किया गया, जो सिर्फ अनुगमन और अनुसरण करे। वह कभी प्रश्न न करे और उसकी अपनी कोई सोच या फिर इच्छा न हो। उसका कोई व्यक्तित्व न हो। घरों में सुबह से रात देर तक काम करती स्त्रियां, पूरे परिवार का भार लिए सबसे पहले उठ कर देर रात सो कर, सबके काम करके भी निरुपाय होती हैं। वे बिना पगार के, बिना किसी ‘अवकाश’ के, बिना शिकायत के ताउम्र काम करती हैं। लेकिन उसका श्रेय उन्हें कभी नहीं दिया जाता। ये सब उनका कर्तव्य है। मगर अधिकार पर कभी बात नहीं होती। स्त्री के सम्मान, समानता, इच्छा, आकांक्षा, महत्त्वाकांक्षा- ये सब कुछ नहीं होता। इसलिए हमारे घरों में शिक्षित, स्वावलंबी, दक्ष या फिर संगीत, रंगमंच, गायन, साहित्य में प्रतिभावान स्त्रियों का हमारे घर ‘कत्ल’ कर देते हैं। शादी के बाद सब समाप्त। आज हमारे घरों में युवा लड़के पढ़ाई और नौकरी के लिए विदेश जाने को उत्सुक हैं और जा भी रहे हैं। वहां धीरे-धीरे उनका पश्चिमीकरण हो जाता है। वे वहां से सुख-सुविधा की चीजें भेज कर समझते हैं कि मां-बाप के प्रति उनका कर्तव्य पूरा हो ग...

भारत में 68 प्रतिशत लड़कियों को रोजगार के झांसे में फंसाकर वेश्यालयों तक पहुंचाया जाता है

  अनिल अनूप एक बांग्लादेश की महिला के साथ विश्वासघात हुआ और उसके ही सहकर्मी ने इसे सिर्फ पचास हजार रुपये में एक नेपाली औरत को बेच दिया। बांग्लादेश की एक गारमेंट फैक्ट्री में 9000 रुपये महीने पर नौकरी करने वाली तलाकशुदा महिला शबाना ( बदला हुआ नाम) को उनके ही एक सहकर्मी ने इंडिया में अच्छी नौकरी का लालच दिया, उस सहकर्मी पर भरोसा कर वो बिना अपने मां-बाप को बताये ही दलाल के माध्यम से मुंबई पहुंच गई, लेकिन वहां पर उसके साथ विश्वासघात हुआ और उसके ही सहकर्मी ने इसे सिर्फ पचास हजार रुपये में एक नेपाली औरत को बेच दिया, जो एक वेश्यालय चलाती थी। फिर शबाना को ना चाहते हुए भी देह-व्यापार करना पड़ा। मुंबई से बेंगलुरु फिर अलग-अलग शहरों में देह-व्यापार के अड्डों से होती हुई, अलग-अलग लोगों के चंगुल में फंसने के बाद आखिर में उनका ठिकाना बना पुणे का रेड लाइट इलाका। वहीं से हाल ही में पुणे पुलिस ने उन्हें छुड़ाया और एक एनजीओ के सुपुर्द कर दिया, इस संस्था के लोगों ने ही मुंबई में बांग्लादेशी उच्चायोग से जुड़े ऑफिस से संपर्क किया और शबाना के घर वालों का नाम ठिकाना बताया। जांच-पड़ताल के बाद उन्हें उनके द...